Dushyant Pratap Singh

#MyUnforgettableJourney 1995 (Post 5) आगरा में एक शख्स बहुत मेहनत से कार्यक्रमों के आयोजन में लगा हुआ था। में उनके घर गया मेरे तब के साथ के दोस्त लोग जो बहुत उम्दा गाते थे। उस वक़्त आगरा में कुछ लोगों का समूह था जो मेनुपुलेट करते थे। कमाल की बात है मेरे ही खर्चे पर गए और बतौर कलाकार मेरा परिचय ही नही कराया। मैंने फिर उनसे संपर्क किया और उन्होंने अपने मंच पर मुझे मौका दिया वो शख्स थे आयोजक संग्राम सिंह रोहेला। फ़ोटो व वीडियो उपलब्ध नहीं। ये समाचार पत्र की कटिंग है। धन्यवाद कार्यक्रम के दौरान मौजूद सभी मित्रों का।

Comments

Popular posts from this blog

सात्यकि

सात्यकि