Dushyant Pratap Singh
#MyUnforgettableJourney (Post 9) 1997 मुम्बई शहर में मेरा संघर्ष शुरू हो चुका था। मुम्बई ने पढ़ना और पढ़ाना शुरू कर दिया था। मुझे काम और अवसर इस शहर में आते ही मिलने लगे थे। मेरे शहर आगरा ने भी मुझे गंभीरता से लेना शुरू कर दिया था। उस समय बड़े भाई सदृश Pawan Aagri जो आज काव्य जगत का बड़ा नाम है वो अखबारों के लिए लिखा करते थे। मेरे शहर में मेरा पहला बड़ा साक्षात्कार उन्होंने ही लिया। और अपना भोकाल टाइट होने की शुरुआत हो चुकी थी। #पवनआगरी भैया शुक्रिया इस प्यार और अनवरत जारी स्नेह के लिए 😊😊😊
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