दुष्यन्त प्रताप सिंह

#MyUnforgettableJourney (Post 19) 2002 कभी कभी लगता है के में फीनिक्स पक्षी की तरह हूं जो अपनी राख से जिंदा हो जाता है। अवसाद भरे दिन मैंने एक और बिजनिस किया #फर्नीचर का बड़ा शो रूम खोला कमलानगर में खैर डूबना तो पक्का था। सो 6 महीने में डूब गया। और मैंने Babla V Shah जी को मुम्बई फोन किया उन्होंने मुझे बुलाया और उनकी म्यूजिक क. #chikoomusic के प्रमोशन का जिम्मा दिया। और में एक बार फिर नये सफर पर निकल गया। आगरा में दैनिक जागरण के सहयोग से म्यूजिक एलबम #भटकेला रिलीज़ हुआ। एक मजेदार किस्सा है उस वक़्त मोबाइल फोन का एक जलवा होता था जागरण के इवेंट मैनेजर उस वक़्त वर्धान शर्मा नाम के भाईसाहब थे में और मेरे मित्र Arun Chauhan जब उनके पास पहुंचे तो भाईसाहब ने इम्प्रेशन जमाने को फालतू में मोबाइल कान से लगा लिया और लंबी लंबी फेंकने लगे हम दोनों चुपचाप बैठे सुन रहे थे 😁😁 अचानक किसी कर्ममारे ने उनके मोबाइल पर फोन कर दिया और उनके फोन की घंटी बज गई 😂😂😂 भाईसाहब का चेहरा फक्क पड़ गया हालांकि हमें पहले से पता था के ये मजे ले रहे है पर हम दोनों ने ऐसी एक्टिंग की जैसे हमने कुछ सुना ही नहीं। खैर उसके बाद उनसे कभी मुलाकात का सुअवसर मिला नहीं। प्रोग्राम बहुत ही अच्छा और शानदार रहा। उसका एक कारण यह भी था कि ये एक अलग तरह का कार्यक्रम था। ये आगरा के पत्रकार जगत का प्यार ही था कि एक अखबार के एसोसिएट होते हुए भी सभी प्रमुख अखबारों ने इस कार्यक्रम की कवरेज की once again thanku बाबला जी और धन्यवाद दैनिक जागरण। समाचार पत्रों की कटिंग पेश है

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