दुष्यन्त प्रताप सिंह

#MyUnforgettableJourney (Post 20) 2002 मुझे समझ आ गया था के अगर निरंतरता बनाये रखूं तो शायद में कामयाबी की रेस जीत जाऊंगा पर निरंतरता के साथ नए प्रयोग और योजना भी जरूरी है क्योंके में एक ऐसी जगह पर काम कर रहा था जहां बदमाशों और आस्तीन के सांपों की बहुतायत थी। में अपने आज तक के कैरियर में कभी किसी भी आयोजक के शो या इवेंट में नही गया। पर मुझे अपनी हर इवेंट में ये सांप डायरी पेन लेकर बिना बुलावे के दिखाई दे जाते थे खैर टीम अमर उजाला, दैनिक जागरण और बाकी मीडिया हाउस मुझे सपोर्ट कर रहे थे और तब मैंने इस शानदार शो को मूर्त रूप दिया। दिल्ली से आये डांस ग्रुप और मॉडल्स ने शो में शानदार प्रस्तुतियां दी और मैंने सफलता का स्वाद चखना शुरू कर दिया। मेरे पीछे कई शक्तिशाली और दिल के शानदार लोग थे। नाम नही लिख सकता लेकिन अंतरतम से आभारी हूँ। P P Singh Chauhan जैसे मित्र व कॉरपोरेट स्पॉन्सर मुझसे जुड़ने लगे थे। और बकलोल धीरे धीरे अब अंगूर खट्टे है पर आ गए थे। इस दौरान अचानक से में कुछ खास पत्रकारों के समूह के निशाने पर आ गया था क्यों ? ये आज तक नहीं पता। अफसोस बेचारे कुछ कर नही पाए। क्योंके उनके बॉस लोग मुझे बहुत स्नेह करते थे इसी क्रम में आदरणीय सी.एस. शुक्ला जी (तत्कालीन बिजनिस हेड दैनिक जागरण) जैसे भाई जो मेरे लिए अपने मैनेजमेंट से भिड़ गए थे। मेरे पास उनके आभार के लिए शब्द नहीं। वहीं अमर उजाला समूह के मालिक व देश के यशस्वी अग्रवाल समूह के परिवार का आशीर्वाद भी मुझे बहुत मिला आदरणीय अजय अग्रवाल जी, श्रीमती पिंकी भाभी और सबसे ज्यादा मातृतुल्य स्व. डॉ कमल अग्रवाल इनका अहसान में कभी नही चुका सकता और भी ढेरों नाम है। बड़े परिवार के बच्चे कैसे होते है ये मैंने इस परिवार की वर्तमान पीढ़ी से सीखा है आज भी मुझे परिवार के सदस्य जैसा स्नेह देते है। Hemant Anand , Surabhi Anand

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