दुष्यन्त प्रताप सिंह
#MyUnforgettableJourney (Post 16) 2001 मैंने जैसे ही इवेंट्स की शुरुआत की तभी गुजरात मे भूकंप आ गया। मन में जनसेवा हिलोरे मारने लगी। आस पास के सांपों ने चढ़ा दिया हम चढ़ गए और सहायतार्थ कार्यक्रम की घोषणा कर दी। उम्मीद थी के लोग आएंगे और एक अच्छी रकम जुटा ली जाएगी। तब मुझे पता लगा के ताजनगरी में कितने बड़े वाले 🙊 रहते है। खैर गजल गायक सुधीर नरायन और Vinay Patsariya जी व तबला वादक स्व. मनोज आये एक बांसुरी वादक तो मुझसे पेमेंट भी मांगने लगे 😥 जैसे तैसे करके कार्यक्रम हुआ। क्योंके भूकंप सहायतार्थ था इसलिए 1000 कि संख्या वाले सूरसदन में मात्र 35 या 40 दर्शक थे जिसमें कलाकार भी शामिल थे। खैर कार्यक्रम हुआ और कुल जमा 45 हज़ार का कर्जा भी चढ़ गया 😁😁 और मेरा भैंस के आगे बीन बजाने का जो संकल्प था वो भी एक पायदान और ऊपर चढ़ गया। इस सबमें एक बात बहुत प्यारी और दिल को छू लेने वाली थी कि आगरा के मीडिया जगत का प्यार निरंतर मिल रहा था। साथ ही में मेरा ग्रेजुएशन के बाद दुबारा से कक्षा 1 से पढ़ाई शुरू करने का अत्यंत मूर्खता भरा निर्णय भी धुंवाधार जारी था।
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